Beautiful thought

shashiprabha -

भाग्य दुर्भाग्य में तबदील होता चला गया ख्वाहिशों की पैदाइश के साथ साथ बर्ना
भोजन के साथ साथ भूख भी थी बिस्तर के साथ मीठी नींद भी थी और धन के साथ धर्म भी था ख्वाहिशों की बिमारी भूख नींद और धन सब उड़ा कर ले गयी ज़िन्दगी खुद से ही अंजान होकर ख्वाहिशों के अंजाम भुगतान करने में लगी हुई है।